“Saiyaara” Review: जब म्यूजिक और इमोशंस मिलते हैं, तब मोहित सूरी बनाते हैं जादू
Saiyaara, मोहित सूरी की नई पेशकश, एक बार फिर उस दुनिया में ले जाती है जहां इश्क होता है, दिल टूटते हैं और म्यूजिक हर दर्द की मरहम बन जाता है। इस फिल्म को देखकर साफ महसूस होता है कि कोई अगर दिल टूटने की कहानियों को पर्दे पर बखूबी दिखा सकता है, तो वो मोहित सूरी ही हैं।
फिल्म के म्यूजिक में है जान
फिल्म का संगीत इसकी सबसे बड़ी ताकत है। “Saiyaara”, “Barbaad”, और “Tum Ho Toh” जैसे गाने न सिर्फ आपको गुनगुनाने पर मजबूर करेंगे बल्कि इमोशनल भी कर देंगे। फिल्म का म्यूजिक दर्द, मोहब्बत और उम्मीद के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है।
सात कंपोजर्स और चार गीतकारों की टीम ने मिलकर इस एल्बम को बनाया है, और हर ट्रैक एक समय के एहसास की तरह महसूस होता है। यह फिल्म म्यूजिक इंडस्ट्री को भी एक मैसेज देती है – “फिल्म म्यूजिक को मरने मत दो।”

कहानी: वही पुराना प्यार, लेकिन नए अंदाज़ में
कहानी पुरानी सी लगती है – एक बिगड़ा लड़का और एक मासूम लड़की की मुलाकात, प्यार, दर्द और फिर बिछड़न। लेकिन यहां ट्विस्ट यह है कि ये सब कुछ आज की जनरेशन की सोच और अंदाज़ में दिखाया गया है।
वाणी बत्रा (अनीत पड्डा) एक सिंपल, समझदार लड़की है जिसे शादी के दिन उसका मंगेतर छोड़ जाता है। वहीं दूसरी ओर कृष कपूर (आहान पांडे), एक गुस्सैल लेकिन टैलेंटेड सिंगर है, जो अपने बैंड से निकाला गया है और अंदर ही अंदर खुद से लड़ रहा है।
दोनों की मुलाकात के बाद, जैसे उनकी टूटी हुई ज़िंदगियों में संगीत के ज़रिए नई उम्मीद जागती है। फिल्म आपको Drew Barrymore की “Music & Lyrics” की याद दिला सकती है।
पहली बार में ही असरदार: आहान पांडे और अनीत पड्डा
आहान पांडे (Chunky Panday के भतीजे) और अनीत पड्डा ने अपने डेब्यू में बेहतरीन काम किया है। दोनों की केमिस्ट्री स्क्रीन पर नैचुरल लगती है। खासकर कृष का ट्रांज़िशन – एक खुद में उलझे लड़के से लेकर एक केयरिंग लवर तक – काबिले तारीफ है।
वाणी का किरदार एक वर्किंग वुमन का है जो अपने करियर को लेकर भी उतनी ही संजीदा है जितनी अपने इमोशंस को लेकर। यही आज की नई महिला का रियल रिप्रेजेंटेशन है।
सपोर्टिंग कास्ट में भी दम
गीता अग्रवाल शर्मा, जिन्होंने हाल के सालों में कई शानदार मां के किरदार निभाए हैं (Laapataa Ladies, 12th Fail), इस फिल्म में वाणी की प्रोटेक्टिव मां के रूप में छा जाती हैं। उनके डायलॉग्स जैसे – “मत बहा ये कीमती आँसू किसी उल्लू के पट्ठे के लिए” – आपको हंसा भी सकते हैं और भावुक भी कर सकते हैं।

नई पीढ़ी के इमोशनल मुद्दे, समझदारी से पेश किए गए
कृष, एक ऐसा लड़का जो अपने शराबी पिता (वरुण बडोला) का ख्याल रखता है और पब्लिक से वेलिडेशन चाहता है। वहीं वाणी, जो अपनी डायरी में सब कुछ लिखती है, धोखे के बाद बोलना बंद कर देती है – यह एक मेटाफोर है कि वो खुद से भी कट जाती है।
इन किरदारों की सबसे अच्छी बात ये है कि ये एक-दूसरे को हील करते हैं – कृष को उसकी पहचान वापस मिलती है, और वाणी को उसकी आवाज़। यही आज के रिलेशनशिप्स की सच्चाई है – प्यार में ताकत होती है, लेकिन आत्मनिर्भरता ज़रूरी है।
डायरेक्शन और सिनेमैटोग्राफी
मोहित सूरी की खासियत है – हर सीन में इमोशन डालना और संगीत के साथ बैकड्रॉप को जस्टिफाई करना। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी भी काफ़ी सॉफ्ट और सूदिंग है, जो इमोशंस को और गहरा करती है। अगर आपने “Aashiqui 2” पसंद की थी, तो “Saiyaara” आपके लिए परफेक्ट है।
निष्कर्ष: प्यार, दर्द और संगीत – एक परफेक्ट ब्लेंड
Saiyaara एक इमोशनल म्यूजिकल है जो आज की पीढ़ी की सोच, उनके रिश्ते और उनकी जर्नी को बड़ी खूबसूरती से पेश करती है। फिल्म में रोमांस, रियल इमोशंस और गहरा संगीत सब कुछ है।
यह फिल्म यकीनन आपको कुछ घंटों के लिए रियल लाइफ के दर्द से दूर कर देगी और छोड़ जाएगी एक सॉफ्ट-सा हैंगओवर।
मुख्य कलाकार:
- आहान पांडे – कृष कपूर
- अनीत पड्डा – वाणी बत्रा
- गीता अग्रवाल शर्मा – वाणी की मां
- राजेश कुमार, वरुण बडोला
निर्देशक: मोहित सूरी
प्रोडक्शन: यश राज फिल्म्स

Disclaimer:
यह रिव्यू सिर्फ जानकारी और मनोरंजन के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई राय लेखक की निजी राय है और यह किसी फिल्म निर्माता या कलाकार को प्रमोट या नुकसान पहुंचाने का उद्देश्य नहीं रखती।
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